हृदय/दिल💓💓 के मरीज अपने आप को प्राकृतिक तरीके से स्वस्थ कैसे रखें ?
हृदय/दिल हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग जिसका कार्य ब्लड को पंप कर, ब्लड के माध्यम से ऑक्सीजन को शरीर के समस्त कोशिकाओं तक पहुंचाने का होता है। हदय/दिल की बीमारी से ग्रसित व्यक्तियों की संख्या में दिन प्रतिदिन इजाफा होता जा रहा है । इसका मुख्यतः कारण हमारी अनियमित जीवनशैली व खान पान में अधिक जंक फूड का इस्तेमाल तथा तनाव/स्ट्रेस का अधिक लेना है । विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार कोविड-19 के पश्चात हृदय रोगियों में बढ़ोत्तरी दर्ज की गयी है,इससे पूर्व या हमारे पूर्वज अपने आप को किसी भी प्रकार की दवाई/मेडीसिन के बिना प्रयोग के ही हृदय/दिल की बीमारी को अपने आस-पास नहीं आने देते थे,जिसका मूल कारण उनकी प्राकृतिक जीवन शैली थी ।
हृदय/दिल की बीमारी के कारण-
1.शरीर में हाई कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना मुख्य कारण है ।2.तनाव लेने के कारण ब्लड प्रेशर का बढ़ना ।
3.जंक फूड का सेवन करना ।
4.शरीर का वजन अधिक बढ़ना ।
5.धूम्रपान का इस्तेमाल करना ।
6.नशीली दवाओं का सेवन करना ।
7.शराब का अत्यधिक सेवन करना ।
8.व्यायाम न करना
9.मधुमेह से ग्रसित होना ।
10.पर्याप्त नींद न लेना ।
11.अनियमित जीवनशैली होने पर बढ़ती उम्र भी एक कारण है ।
👉👉उपरोक्त आदि कारणों से हृदय/दिल से सम्बन्धित बीमारियां होती है । हृदय/दिल की बीमारियों के कई प्रकार भी होते है जो निम्नवत है –
लक्षण
👉👉हृदय/दिल के मरीज में निम्नलिखित लक्षण होने पर अनदेखा न करे और अपने चिकित्सक से सलाह अवश्य लें और उपचार करें ।
3.साँस लेने में समस्या होना ।
4.गर्दन, जबड़े, गले, पेट, पैर या बाजुओं में दर्द का होना भी कारण है ।
5.हृदय की धड़कन का अनियमित(धीमी या तेज) होना।
6. हाँथ व पैरों का सुन्न होना ।
7.अत्यधिक चक्कर आना/बेहोशी, थकान का बने रहना ।
2.सीने में जकड़न का होना
आधुनिक चिकित्सा प्रणाली के अनुसार हृदय रोग के निदान और उपचार-
आयुर्वेद या प्राकृतिक नुख्सो के अनुसार हृदय रोग के निदान और उपचार-
2.तनाव/स्ट्रेस से बचने के लिये ध्यान व प्राणायाम योग को करना अत्यधिक फायदे मंद है ।
3.लहसुन का प्रयोग कर सकते हैं जो रक्त चाप को कन्ट्रोल करता है ।
4.तुलसी के सेवन से ब्लड प्रेशर को कन्ट्रोल किया जा सकता है ।
5.टहलना भी हृदय के लिये फायदेमंद होता है ।
सावधानियां-
हृदय/दिल के मरीजों को निम्नलिखित सावधानियों बरतनी चाहिए-1.मौसम ठंडा होने पर, गर्म कपड़े पहनें और शरीर को गरम रखें।
2.ठंड के मौसम में, गुनगुने पानी से स्नान करें ।
3.पानी नार्मल तापमान का ही पिएं ।
4.व्यायाम जैसे वॉकिंग और स्ट्रेचिंग करें ।
5.हेल्दी डाइट लें.
6.जंक फूड,प्रोसेस्ड मीट, मीठे पेय, और ज़्यादा सोडियम वाले खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।
7.रात में हल्का और संतुलित भोजन करें.
8.पर्याप्त नीद कम से कम 08 घण्टे अवश्य ले ।
9.अगर आपको दिल की किसी भी बीमारी से पीड़ित हैं, तो उक्त असमान्य लक्षणों पर गौर करें और अपने चिकित्सक से सलाह लें ।







