ध्यान
ध्यान एक ऐसा योग है जिसमें व्यक्ति/साधक अपने मन की चेतना को एक विशेष अवस्था में लाने का प्रयास करता है । ध्यान के द्वारा व्यक्ति अपने मन को स्थिर कर सकता हैऔर मानसिक स्थिरता से व्यक्ति का शरीर भी ऊर्जावान रहता है । ध्यान करने के लिये व्यक्ति/साधक अपने मन को किसी एक बन्दु पर केन्द्रित करना होता है । यह बिन्दु आज्ञाचक्र,श्वास,मन्त्र ,स्थान या वस्तु आदि हो सकते है ।अलग-अलग धर्मों में विभिन्न धार्मिक प्रक्रियाओ का वर्णन भी है और अलग-अलग अर्थ भी है ।
👉👉प्राचीन काल से ही ध्यान की प्रक्रिया का वर्णन सनातन धर्म में ऋषि मुनियों के द्वारा भगवान के लिये किया जाता रहा है । ई0पू0 में बैद्ध और महावीर के द्वारा भी ध्यान से आत्मिक,मानसिक शक्तियों के विकास का वर्णन किया गया है ।
ध्यान करनें में सावधानियां-
1.शांत वातावरण का चयन करें ।
2.आँखों को बन्ध रखें ।
3.प्राकृतिक वातावरण का चयन करें।
4.आसुविधाजनक कपड़े न पहने
5.ध्यान करते समय आसन को न बदले ।
ध्यान से लाभ-
1.ध्यान करने से मानसिक स्थिरता आती है ।
2.ध्यान से शरीर ऊर्जावान रहता है ।
3.मानसिक तनाव को दूर करता है ।
4.ध्यान से भावनाओं को नियन्त्रण किया जा
सकता है।
5.ध्यान करनें से एकाग्रता बढ़ती है ।
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ध्यान योग सर्व योग
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