क्या है आयुर्वेद का अमृत ?
नमस्कार
साथियों आज हम आपको उस फल से अवगत करायेंगे जिसको आयुर्वेद में अमृत की संज्ञा दी
गयी है, वह फल कोई और नहीं,”आंवाला” है, जो हमारे आस-पास आसानी से मिल जाता है
। संस्कृत में इसे अमृता,
अमृतफल, आमलकी, पंचरसा इत्यादि
नामों से जाना जाता है तथा अंग्रेजी में इण्डियन
गूजबेरी (Indian gooseberry) तथा लैटिन में 'फ़िलैंथस
एँबेलिका' (Phyllanthus emblica)
कहते हैं।
आयुर्वेद
में तीन रोगों वात,पित्त,कफ को ही समस्त रोगों का कारक माना गया है,आंवला इन तीनों
रोगों वात,पित्त,और कफ को संतुलित करने में वर्दान है ।आयुर्वेद
के अनुसार आंवला एक रसायन है और आधुनिक
विज्ञान के अनुसार आंवला शरीर के
रेजुवेनेशन(कायाकल्प) ,बांडी के सोल्यूलर लेवल को हील और रिन्यू करता है और तीनों
दोषों को बैलेंस करता है।
आंवला
आंवला
भारत व आस पास के क्षेत्रों में पाये जानें वाल एक छोटे आकार और हरे रंग का एक फल
है, जिसका पेड़ का आकार 20-25 फीट होता है । आंवला को आयुर्वेद में अत्यधिक
स्वास्थ्यवर्धक अर्थात अमृत की संज्ञा दी गयी है ।
आंवला
विटामिन सी का सर्वोत्तम प्राकृतिक स्त्रोत है जिसमें ऑरेन्ज से 20 गुना अधिक
विटामिन सी पायी जाती है । आंवला का स्वाद मुख्यतः तो खट्टा होता है लेकिन इसमें
पांच प्रकार के स्वाद कसरैला,नमकीन,मीठा,तीखा,कड़वा पाये जाता है
आंवला के फायदे -
1.आंवला हमारी इम्यूनिटी ,ओजस को बढ़ाता है ।3. मेटाबालिज्म (अग्नि को बैलेंस) को बैलेंस करता है और वेट लॉस करने में भी सहायक है ।
4. बालों के लिये भी फायदेमंद है
5.आधुनिक
साइंस के अनुसार क्रोमियम होता है, जो इन्सुलिन सेन्सिटिविटी को इम्प्रूव करता
पेनक्रियाज के फंक्सन को सपोर्ट करता है और आयुर्वेद के अनुसार डायब्टीज को मैनेज
करता है ,नसों की गन्दगी को भी साफ करता है ।
6. आंवला बॉडी
डिटॉक्स करने में मदद करता है
।
7. दिल को हेल्दी रखता है आंवला खाने से दिल से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं।
8. आंवला में एंटी-ऑक्सीडेंट् और विटामिन-सी स्किन के लिए फायदेमंद होते हैं।स्किन को टाइट और जवां रखता है ।
अर्थात सम्पूर्ण शारीरिक स्वास्थ्य के लिये आंवला लाभकारी है,इसलिये आंवले को आयुर्वेद में अमृत की संज्ञा प्रदान की गयी है ।
आंवला चटनी,मुरब्बा-अर्थात सम्पूर्ण शारीरिक स्वास्थ्य के लिये आंवला लाभकारी है,इसलिये आंवले को आयुर्वेद में अमृत की संज्ञा प्रदान की गयी है ।
उपयोग-
आंवला का स्वाद
कसरैला होने के कारण सीधे तौर पर इसका सेवन करना कठिन होता है लेकिन आंवला का
प्रयोग हम चटनी बनाकर,जूस व आंवला का पाउडर बनाकर गर्म पानी व शहद के साथ प्रयोग
कर सकते है तथा मुरब्बा, चाय के रुप में
भी प्रयोग कर सकते है । बच्चों के लिये आंवाल कैंडी का प्रयोग कर सकते है जिसमें
अन्य प्रिजर्वेटिव न मिले हो ।
आंवला पाउडर-
आंवला कैंडी-
Tags:
स्वास्थ्य (Health)













आयुर्वेद का अमृत
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